Dr. Atul Krishna Bhatnagar is the best general surgeon in Meerut passed out from LLRM Medical College, Meerut. Equipped with a post-advanced education in General Surgery, Dr. Atul Krishna before long decided to understand his fantasy which had effectively come to fruition in his brain. The fantasy was to set up such Institutions of instruction and preparing that would deliver exceptionally talented alumni and experts of scholastic greatness in each field and all parts of life. Graced with fore vision, adaptability, a virtuoso personality, and talented with a dynamic and vivacious character, Dr. Atul Krishna isn't just a presumed specialist of Northern India but at the same time is an incredible giver, a scholarly mastermind, visionary, and a submitted, staunch social reformer, devoted to the upliftment of the oppressed and more fragile segments of society. Dr. Atul Krishna is the originator of SUBHARTI, an appropriately enlisted body, occupied with social administration and different exercises. He has likewise settled a few essential, auxiliary level schools and rustic medical clinics in the remotest towns.
Video
Press News & Media
Awards
→ Indian Dalit Sahitya Academy, Chattisgarh honoured Dr Atul Krishna, Founder, SVSU with "Utkrisht Shikshak Award" 2019 for his splendid work in the field of education.
→ Dr. Atul Krishna got "Global Buddhist Ambassador Award" in Thailand.
→ On the sacramental occasion of “Ashadhi Purnima”, 'Dharmachakra Enforcement Day' celebrations in Swami Vivekanand Subharti University.
Achievements
- सामाजिक कुरीतियों को दूर करने से ही देश बनेगा सशक्त-डा. अतुल कृष्ण बौद्ध
-
स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के सुभारती डेन्टल काॅलिज के सभागार में तथागत गौतम बुद्ध एवं बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर के विचारों से समाज को लाभान्वित करने के साथ शिक्षा व समाज को अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से सभा आयोजित की गई जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से आये वाल्मीकि प्रतिनिधि मण्डल के सदस्यों ने शिरकत करके सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध से विशेष भेंट की। सभा की अध्यक्षता करते हुए डा. अतुल कृष्ण बौद्ध ने कहा कि वाल्मीकि समाज का देश की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान है लेकिन समाज में फै़ली कुरीतियों के कारण हमारी संस्कृति व सभ्यता का पतन हो रहा है जिसका संरक्षण करने का अब समय आ गया है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमें जाति विहीन समाज की स्थापना के लिये पूरे देश को जागरूक करना होगा जिसके लिये पिछले कई दशकों से सुभारती परिवार संघर्ष कर रहा है और समाज के हर तबके को धर्म जाति के भेदभाव से निकाल कर सशक्त राष्ट्र के निमार्ण हेतू सभी लोगो में राष्ट्रीयता की भावना जाग्रत कर रहा है। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि समाज को संगठित करके उन्हें शिक्षित किया जाएगा ताकि वह मुख्यधारा से जुड़कर देश निमार्ण में अपनी योग्यता साबित कर सकें। उन्होंने विशेष घोषणा करते हुए कहा कि वाल्मीकि समाज के ऐसे बच्चों को सुभारती विश्वविद्यालय में अत्यन्त रियात के साथ शिक्षा दी जाएगी जो धन के आभाव में शिक्षा नहीं प्राप्त कर पाते। उन्होंने यह भी घोषणा की कि सुभारती अस्पताल में जरूरतमंद गरीबों को भी निःशुल्क चिकित्सय सेवा प्रदान की जाएगी ताकि हमारा देश एक दम स्वस्थ रहें। उन्होंने बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय में स्थापित कई भवनों एवं विभागों के नाम समाज के विभिन्न महापुरूषों के नाम पर रखे गये है जिससे नई पीढ़ियों को अपने समाज के महापुरूषों के बलिदान से प्रेरणा मिल सकें और वह प्रोत्साहित होकर देश हित में अपना अमूल्य योगदान देने में आगे आएं। उन्होंने वाल्मीकि समाज के उत्थान एवं उन्हें शिक्षा देने के लिये बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर काॅलिज की स्थापना करने का भी संकल्प लिया जिसके लिये प्रतिनिधि मण्डल के सभी सदस्यों सेे विचार विमर्श किया गया। डा. अतुल कृष्ण बौद्ध ने बताया कि सुभारती परिवार के सभी सफाईकर्मियों को आर्थिक रूप से प्रोत्साहित करते हुए एक हजार रूपये का विशेष भत्ता भी दिया जाएगा। सभा के अंत में उन्होंने तथागत गौतम बुद्ध एवं बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर के जीवन के संघर्षो पर प्रकाश डालते हुए सभी को उनके विचारों पर चलने का अवह्नान किया। वाणिज्य कर विभाग के सेवानिवृत्त कमिश्नर जयपाल सिंह ने कहा कि वाल्मीकि समाज के लोग डा. अतुल कृष्ण बौद्ध की विचारधारा से बहुत प्रभावित है पूरे समाज में उनकी लगातार लोकप्रियता बढ़ रही है जो आने वाले समय में बदलाव की क्रान्ति का रूप लेगी। उन्होंने अपने संबोधन में समाज को शिक्षा देने एवं संगठित करने जैसे बिन्दुआंे पर अपने विचार प्रस्तुत किये। सभा के संयोजक इन्द्रपाल बौद्ध ने बताया कि आगामी 13 अक्टूबर 2019 को सुभारती विश्वविद्यालय में भव्य बौद्ध धम्म सम्मेलन भी आयोजित होने जा रहा है जिसके लिये बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही है। मंच का संचालन राजकुमार सागर बौद्ध ने किया। इस अवसर पर श्री जयपाल सिंह, श्री सुन्दर लालजी, श्री ब्रजपाल सिंह, श्री बाबूराज, श्री महकार सिंह, श्री श्रीचन्द्र, श्री सतपाल सिंह, श्री मुकेश कुमार, श्री लोबान जी, श्री बिजेन्द्र महरोल, श्री ईश्वर सिंह, श्री महेन्द्र सिंह, श्री अमित, श्री प्रवीन कुमार आदि सहित काफी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहें।
- बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर हमारे लिये प्रेरणा स्त्रोत- डा.अतुल कृष्ण बौद्ध
-
ग्र्राम पल्हैडा में डा.भीमराव अम्बेडकर मेमोरियल पुस्तकालय एवं एमटीवी सुभारती ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में संविधान के निर्माता बोधिसत्व बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर की 128 वी जयन्ती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर ग्राम पल्हैडा में बौद्ध मन्दिर में तथागत गौतम बुद्ध एवं बोधिसत्व बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर की संगेमरमर से तैयार प्रतिमाओं का अनावरण मुख्य अतिथि सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं जाति विहीन समाज के संयोजक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध एवं विख्यात बौद्ध विद्वान डा0 भिक्षु चन्द्रकीर्ति ने विधिवत परम्पराओं से किया। इस दौरान सुभारती स्कूल आॅफ बुद्धिस्ट स्टडीज के बौद्ध भिक्षुओं ने मंगलाचरण वंदना प्रस्तुत कर सभी को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम से पूर्व पल्हैडा गांव पहुंचने पर सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध का जगह जगह ग्राम वासियों ने फूलमाला पहनाकर बड़ी ही गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। डा. अतुल कृष्ण बौद्ध ने तथागत गौतम बुद्ध एवं बोधिसत्व बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमाओं के समक्ष दीप प्रज्जवलित किया एवं बौद्ध परम्पराओं के अनुसार ध्यान साधना की। इसके बाद ग्राम पल्हैडा के पार्क में आयोजित बोधिसत्व बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर की 128वी जयन्ती के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डा. अतुल कृष्ण बौद्ध ने जैसे ही नमो बुद्धाय एवं जयभीम का नारा लगाया तो कार्यक्रम में उपस्थित अपार जनसमूह ने नारे को दोहराते हुए उनका जवाब देकर डा. अतुल कृष्ण बौद्ध का तालियों के साथ जोरदार स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज का पावन दिन बाबा साहब के बताएं रास्तों पर चलकर उनकी विचार धारा को विश्व मंे फैलाने का संकल्प लेने का है और नाइन्साफी, जुल्म, शोषण एवं अशिक्षा के साथ अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होकर देश एवं समाज को समानता के पथ पर लाकर भारत को विश्व गुरू बनाने का दिन है। उन्होंने कहा कि तथागत गौतम बुद्ध ने मानवता के कल्याण हेतू जो पंचशील का सिद्धांत के रूप में जीवन मंत्र दिया है उसी को अपना कर मानव अपना संर्वांगीण कल्याण कर सकता है। उन्होंने कहा कि समाज में मानवता के प्रति फैल रही गैरबराबरी की प्रथा एवं निर्मल वर्ग के लोगो के साथ गलत व्यवहार तथा शोषण के विरूद्ध बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर ने लोगो को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करके उन्हें न्याय एवं समाज मंे सम्मानित स्थान दिलाया तथा भारत के संविधान में ऐसी व्यवस्था की के हर वर्ग के लोगो को बराबरी के दर्जे के साथ उनको न्याय मिल सके तथा भारत विश्व मंे अपने सर्वसुलभ संविधान से पहचाना जाएं। उन्होंने इस अवसर पर विशेष कहा कि समाज को जागरूकता के साथ अपने अधिकारों सेे परिचत होना होगा तथा विश्व में शान्ति,उन्नति, करूणा, पे्रम एवं एकता लाने के लिये तथागत गौतम बुद्ध के विचारों को अपनाना होगा। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगो को बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर की 128वी जयन्ती की शुभकामनाएं देते हुए देश में सदभावना, एकता बराबरी, प्रेम उन्नति लाने की अपील की। विख्यात बौद्ध विद्वान डा. भिक्षु चन्द्रकीर्ति ने अपने उदबोधन में कहा कि भारत में प्राचीन सभ्यता के प्रतीक तथागत गौतम बुद्ध है और उनके द्वारा पूरे संसार को शान्ति के साथ उन्नति करने एवं करूणा के साथ जीवन जीने की शिक्षा दी गई है। उन्होंने कहा कि तथागत बुद्ध का जीवन, कथन और शिक्षाएं इंसान को दुखों से मुक्ति दिलाने, ज्ञान और सही मार्ग पर चलने दिशा और कर्म को इंसान की प्रगति का सही रास्ता बताया। उन्होंने कहा कि सुख एवं आनंद की अनुभूति तथागत बुद्ध के बताए रास्तों पर चलने से ही पूर्ण होगी। उन्होंने बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर को नमन करते हुए कहा कि बाबा साहब ने समाज में शोषितों को न्याय दिलाने के साथ उन्हें सत्य से रूबरू कराने का कार्य किया है और समाज के कमजोर वर्ग को मजबूती प्रदान करने के साथ उन्हें तथागत बुद्ध के संदेशों से लाभान्वित किया है। सुभारती लाॅ काॅलिज के प्राचार्य डा. वैभव गौयल भारतीय ने कहा कि संविधान के निर्माता बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर के बलिदान को नमन उनके बताएं रास्ते पर चलकर समाज में समानता लाने एवं सभी को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करके किया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह हर एक व्यक्ति यह सिद्धांत दोहराता हैं कि एक देश दुसरे देश पर शासन नहीं कर सकता उसी प्रकार उसे यह भी मानना होगा कि एक वर्ग दुसरे पर शासन नहीं कर सकता, इसी बात को मजबूत करते हुए बाबा साहब ने समाज के निर्मल वर्ग के लोगो को अधिकारों के प्रति जागरूक कर अपना बलिदान देकर उन्हें आगे बढ़ाया। बौद्ध विचारक राजकुमार सागर बौद्ध ने कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर की जयन्ती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि वंचितों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होकर बाबा साहब के सपनों के भारत का निमार्ण किया जाएं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने अपना संपूर्ण जीवन शोषित समाज के लिये संघर्ष करते हुए व्यतीत कर दिया और दबे कुचले वर्ग के लोगो को नया जीवन दिया जो आज सम्मान के साथ जी रहें है। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म एक ऐसी विचार धारा है जो विज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है और लोगो को काल्पनिक अंधविश्वास के दायरे से बाहर लाकर तथ्यों के आधार पर जीवन व्यतीत करने की कला सीखाती है, इसलिये बाबा साहब ने सर्वजन के हितोे के उदद्ेश्य से बौद्ध धर्म के मार्ग को अपना कर समाज में बराबरी की प्रथा को लागू किया। मंच का संचालन अशोक टकसालिया ने किया। इस अवसर पर डा. मनीष मेश्राम, सतीश बौद्ध, हसीन सैफी, सरदार अहमद, आसिफ सैफी, इन्द्रपाल बौद्ध, सतेन्द्र बौद्ध, किरण बौद्ध सहित आयोजक समिति के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।
- थाईलैंड में डा. अतुल कृष्ण बौद्ध को मिला "ग्लोबल बुद्धिस्ट एम्बेसडर अवार्ड"
-
भारत में बौद्ध धर्म के उत्थान एवं पल्लवित करने के लिये उत्कर्ष कार्य करने पर थाईलैंड देश के ‘पथुम थानी‘ राज्य में वाट खैन खैत ;शाही मंदिरद्ध में आयोजित समारोह में पथुम थानी राज्य के गवर्नर ‘सोमसक चैतिन हारो‘ के द्वारा स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध को ‘‘ग्लोबल बुद्धिस्ट एम्बेसडर अवार्ड‘‘ देकर सम्मानित किया गया। यह अवार्ड सुभारती विश्वविद्यालय के सम्राट अशोक सुभारती स्कूल आॅफ बुद्धिस्ट स्टडीज की विभागाध्यक्षा डा. नीलिमा एवं डा. ज्योति गौड़ ने प्राप्त किया। गवर्नर ‘सोमसक चैतिन हारो‘ अपने संबोधन में कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय दुनियाभर के बौद्ध समुदाय के लिये आस्था का केन्द्र है और जिस तरह बौद्ध धर्म को संरक्षित करने के साथ बौद्ध कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित किया जा रहा है वह बहुत सरहानीय है । उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय के बोधिवृक्ष को भी अपने उद्बोधन में नमन किया और सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध को विश्व के लिये शिक्षा, शान्ति, करूणा एवं उन्नति का दूत कहकर ये सम्मान विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि मण्डल को सौंपा। सम्मान समारोह में एमटीवी सुभारती ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. हिरो हितो ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध का व्यक्तित्व पूरी दुनिया के उत्थान हेतू उदाहरण है और जिस तरह भारत देश में शिक्षा, सेवा, संस्कार के साथ राष्ट्रीयता एवं बौद्ध धर्म को पल्लवित करने का कार्य कर रहे है उसका उद्देश्य विश्व के हर समुदाय के बीच प्रेम सद्भावना एवं करूणा के साथ शान्ति की स्थापना करना है। उन्होंने कहा कि डा. अतुल कृष्ण बौद्ध भारत में हर तबके के लोगो को साथ लेकर मानवता के हित में कार्य कर रहे है जो हमारे लिये प्रेरणादायी एवं गौरव की बात है। उन्होंने अपने वक्तव्य में विशेष कहा कि तथागत बुद्ध का प्रेम, अहिंसा व करूणा का सिद्धान्त अनन्त व शास्वत महत्व रखता है एवं तथागत बुद्ध ने मानव-मानव में आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेष दिया वरन उन्होंने मानव एवं प्रकृति के बीच भी शान्ति स्थापित करने पर जोर दिया। उन्ही की प्रेरणा से सुभारती विश्वविद्यालय बौद्ध धर्म का दीपक बनकर विश्व को उजाला दे रहा है। डा. अतुल कृष्ण बौद्ध को सम्मान मिलने पर सुभारती विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज ने हर्ष प्रकट करते हुए कहा कि यह हमारे लिये बड़े गौरव और सम्मान की बात है कि हम सब के प्रेरणा स्त्रोत डा. अतुल कृष्ण बौद्ध को विश्व में ग्लोबल बुद्धिस्ट एम्बेसडर के तौर पर सम्मान दिया गया है जो हमारे विश्वविद्यालय के आदर्शे का भी सम्मान है। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय तथागत बुद्ध के सिद्धांतो पर चलता है एवं सम्पूर्ण मानव जाति तथा विश्व में शान्ति, एकता और समरस्ता लाने के लिए विश्वविद्यालय लगातार अग्रसर है साथ ही तथागत बुद्ध के संदेश व उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा लेकर मानव कल्याण के कार्य कर रहा है। उन्होंने इस अवसर पर मंगलकामनाए देते हुए सभी को अपने व्यवहार व आचरण में शान्ति, सहिष्णुता, करूणा और समावेषता जैसे मानवीय मूल्यों को समाहित करके विश्व को एक परिवार के रूप में विकसित होने की कामना की। अवार्ड समारोह में एमटीवी सुभारती ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. हिरो हितो ने सुभारती विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया जिसमें सुभारती स्कूल आॅफ बुद्धिस्ट स्टडीज की विभागाध्यक्षा डा. नीलिमा, एसोशिएट प्रोफेसर डा. ज्योति गौड़ मौजूद रही। सम्मान मिलने पर कुलपति डा. एन.के आहूजा, रजिस्ट्रार जनरल ई.पीके गर्ग, रजिस्ट्रार डा. डीके सक्सेना सहित विश्वविद्यालय परिवार ने हर्ष प्रकट करते हुए बधाई दी।
- छत्तीसगढ़ में सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध उत्कृष्ट शिक्षक अवार्ड से सम्मानित
-
भारतीय दलित साहित्य अकादमी के द्वारा छत्तीसगढ़ के धमतरी ज़िले में संत कबीर जयन्ती के अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह में स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध को ‘‘उत्कृष्ट शिक्षक अवार्ड‘‘ 2019 के खिताब से नवाज़ा गया है। अकादमी के प्रांताध्यक्ष जीआर बंजारे ज्वाला ने बताया कि देशभर में शिक्षा के प्रचार प्रसार, भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का संरक्षण सहित समाज सेवा के लिये अपने जीवन समर्पित करने पर डा. अतुल कृष्ण बौद्ध को उत्कृष्ट शिक्षक अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान प्रख्यात बौद्ध विद्वान डा. चम्पालाल मंडरेले ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रस्तुत होकर ग्रहण किया। समारोह को संबोधित करते हुए डा. मंडरेले ने कहा कि मेरठ की ऐतिहासिक धरती से डा. अतुल कृष्ण बौद्ध के द्वारा स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के रूप में शिक्षा एवं संस्कारों के संगम से भारत सहित पूरे विश्व को ज्ञान एवं उन्नति का प्रकाश देकर उज्वलित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डा. अतुल कृष्ण बौद्ध अपने व्यक्तित्व से समाज में एकता लाने एवं जाति के बंधन को खत्म करने के साथ शिक्षा के माध्यम से समाज की दशा सुधारने का कार्य कर रहे है और उनके द्वारा किये गये कार्यों को आज विश्वभर में प्रसिद्धि मिल रही है और लोग सुभारती विश्वविद्यालय से जुड़ कर लाभान्वित हो रहें है। सम्मानित किये जाने पर संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध ने भारती दलित साहित्य अकादमी को धन्यवाद देते हुए कहा कि सम्मान हमेशा पूरे समाज का होता है और एक शिक्षक के रूप में व्यक्ति का यह कर्तव्य होता है कि वह समाज को शिक्षित करने के साथ समाज में फ़ैल रही बुराईयों को भी दूर करने का बीड़ा उठाएं और अपनी संस्कृति व सभ्यता को विद्यार्थियों से रूबरू कर उनका संरक्षण भी करें। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियांे को शिक्षा देने के साथ राष्ट्रीयता की भावना एवं भारतीय संस्कृति व महापुरूषों के बलिदानों से प्रेरणा लेने के लिये प्रोत्साहित करता है तथा हर विद्यार्थी को यह संकल्प दिलाता है कि वह अपनी योग्यता से देशहित में कार्य कर भारत का नाम विश्व पटल पर रोश्न करें। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिये शिक्षित व जागरूक होने के साथ हमेशा संघर्ष करते रहना चाहिए और अपने गुरूजनों व माता पिता का सम्मान कर उनके बताएं मार्ग पर चलना चाहिए। इस अवसर पर कुलपति डा.एन.के आहूजा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. शल्या राज, एमटीवी सुभारती ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. हिरो हितो, वरिष्ठ कुलसचिव ई.पीके गर्ग, कुलसचिव डीके सक्सैना सहित समस्त विश्वविद्यालय परिवार ने हर्ष प्रकट करते हुए बधाई दी।